Broken Mahav Drain: दूसरी बार टूटा महाव नाला, सिंचाई विभाग पर उठे सवाल
बरसात में फिर टूटा तटबंध, खेतों में घुसा पानी, फसलें डूबीं – युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- जिले का महाव नाला एक बार फिर टूट गया है। मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई लगातार बारिश से नाले का पूर्वी तटबंध बरगदवां गांव के पास लगभग 20 मीटर लंबाई तक टूट गया, जिससे किसान बेचू निवासी चकरार के खेत सहित आसपास की जमीनें जलमग्न हो गईं। धान और खरीफ की फसलें डूब जाने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सूचना विभाग के बाढ़ कंट्रोल रूम के मुताबिक, नाला टूटने के समय जलस्तर 13 फुट 7 इंच बह रहा था, जो अब घटकर 13 फुट 5 इंच रह गया है। डीएम संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि चार से छह घंटे में करीब 160 मिमी क्लाउड बस्ट हुआ, जबकि नाले की क्षमता इतनी अधिक बारिश झेलने की नहीं है। इसी वजह से तटबंध के ऊपर से पानी चला गया और कटान हुआ। डीएम ने कहा कि पानी आबादी की ओर नहीं गया है, बल्कि बरगदवां और चकरार क्षेत्र के पास नुकसान हुआ है। डीएम ने जानकारी दी कि कटान रोकने और मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। मौके पर 125 से अधिक मजदूर लगाए गए हैं। साथ ही एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सिंचाई विभाग के एएक्सईएन और जेई समेत पूरी टीम लगातार प्रयास में जुटी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सिंचाई विभाग हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर मरम्मत का दावा करता है, लेकिन काम कागज़ों तक ही सीमित रहता है। यही वजह है कि महाव नाले का तटबंध बार-बार टूटता है और किसानों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। अब सवाल यही है कि आखिर कब तक किसान प्रशासनिक लापरवाही और घटिया निर्माण की मार झेलते रहेंगे?
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